किसानों के लिए महत्वपूर्ण खबर..! 31 जुलाई से पहले कर लें ये काम, मिलेगा खराब फसलों का मुआवजा Fasal Bima Last Date
Fasal Bima Last Date: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और तब से लाखों किसानों के लिए वरदान साबित हुई है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य है कृषकों को कुदरती आफतों, कीड़े-मकोड़ों और रोगों से होने वाले फसल के नुकसान से बचाव देना। यह नीति खेतिहरों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने और खेती-बाड़ी के क्षेत्र में स्थिरता लाने में सहायक है। यह पहल किसानों को मौसम की मार और अन्य समस्याओं से होने वाले नुकसान से बचाने का प्रयास करती है, जिससे वे बिना किसी चिंता के अपनी खेती कर सकें और अपनी आजीविका सुरक्षित रख सकें।
योजना की मुख्य विशेषताएं
1. कम प्रीमियम: किसान मात्र 100 रुपये का निश्चित प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं।
2.व्यापक कवरेज: यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कवर करती है।
3. स्वैच्छिक प्रकृति: यह योजना स्वैच्छिक है, जिसका मतलब है कि किसान अपनी इच्छा से इसमें शामिल हो सकते हैं।
4. ऋणी और गैर-ऋणी किसान: फसल ऋण लेने वाले किसानों के साथ-साथ गैर-ऋणी किसान और बटाईदार भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां
खरीफ फसल के लिए, किसान 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन केंद्रीय सहकारी बैंक, वाणिज्यिक बैंक शाखाओं, सीएससी, या बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से किया जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन पूरा कर लें।
योजना का प्रभाव और आंकड़े
2016 से अब तक, किसानों ने अपने हिस्से के प्रीमियम के रूप में 32,440 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसके बदले में, उन्हें लगभग 1.63 ट्रिलियन रुपये (16 लाख करोड़ रुपये से अधिक) का दावा भुगतान किया गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि किसानों द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक 10r0 रुपये के प्रीमियम पर उन्हें लगभग 500 रुपये दावे के रूप में मिले हैं।
योजना की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, यह योजना 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। हाल के वर्षों में, इस योजना में किसानों का पंजीकरण तेजी से बढ़ा है। यह बढ़ोतरी इसलिए हुई है क्योंकि अधिक से अधिक किसान महसूस कर रहे हैं कि यह योजना अप्रत्याशित मौसम की घटनाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है।
योजना में नवीनतम बदलाव
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि यह योजना धीरे-धीरे ऋण-आधारित मॉडल से सदस्यता-आधारित मॉडल की ओर बढ़ रही है। वर्तमान में, फसल बीमा के तहत नामांकित 42% से अधिक किसान ऐसे हैं जिन्होंने बैंकों से ऋण नहीं लिया है। यह बदलाव योजना को और अधिक समावेशी बनाता है।
लाभार्थी सूची में नाम कैसे जांचें
किसान PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना नाम लाभार्थी सूची में जांच सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने राज्य, जिले, ब्लॉक और गांव की जानकारी देनी होगी। साथ ही, उन्हें अपना पंजीकरण नंबर या आधार नंबर भी देना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। यह न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें बिना किसी डर के खेती करने का आत्मविश्वास भी देती है। किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी फसलों का बीमा कराएं। यह न केवल उनके व्यक्तिगत हित में है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।