बजट के बाद 5000 रुपये सस्ता हुआ सोना, खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ Gold Rate Today
Gold Rate Today: हाल ही में पेश किए गए बजट में सोने से संबंधित एक महत्वपूर्ण घोषणा के बाद, सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी जा रही है। 22 जुलाई को जहां सोने का भाव 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर था, वहीं आज यह 68,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया है। यह गिरावट लगातार जारी है और गुरुवार को भी सोने के दाम में काफी कमी आई।
पिछले तीन दिनों में सोने के दाम में आई भारी कमी
बजट से एक दिन पहले, 22 जुलाई को, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव 72,718 रुपये प्रति 10 ग्राम था। लेकिन बजट पेश होने के दिन ही, 23 जुलाई को, यह भाव लगभग 4,000 रुपये घटकर 68,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। आज, इसमें और भी बड़ी गिरावट देखी गई है। MCX पर सोने का वर्तमान भाव 67,835 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जो पिछले दिन से 1,117 रुपये कम है। इस प्रकार, पिछले तीन दिनों में सोने के दाम में 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक की कमी आई है।
चांदी के दामों में भी बड़ी गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी के दाम में भी काफी गिरावट आई है। पिछले तीन दिनों में ही चांदी के भाव में 8,000 रुपये प्रति किलो की कमी आई है। 22 जुलाई को MCX पर चांदी का भाव 89,203 रुपये प्रति किलो था। बजट के दिन यह भाव लगभग 5,000 रुपये प्रति किलो घट गया। आज इसमें और 3,000 रुपये की कमी आई है। वर्तमान में MCX पर चांदी 81,891 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रही है।
बजट में क्या था ऐलान?
हालांकि इस लेख में बजट में किए गए विशेष ऐलान का विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस घोषणा ने सोने और चांदी के बाजार पर गहरा प्रभाव डाला है। सरकार की नीतियों और घोषणाओं का कीमती धातुओं के बाजार पर सीधा असर पड़ता है।
इस गिरावट का क्या मतलब है?
1. निवेशकों के लिए: जो लोग सोने और चांदी में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है। कम कीमतों पर खरीदारी करके वे भविष्य में लाभ कमा सकते हैं।
2. आभूषण खरीदारों के लिए: शादी-विवाह के मौसम में यह गिरावट आभूषण खरीदने वालों के लिए राहत की खबर हो सकती है।
3. अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट से आयात बिल में कमी आ सकती है, जो देश के व्यापार संतुलन के लिए अच्छा है।
भविष्य की संभावनाएं
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह गिरावट अल्पकालिक है या लंबे समय तक चलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां, मुद्रास्फीति की दर, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की मांग जैसे कारक आने वाले दिनों में कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
बजट के बाद सोने और चांदी के दामों में आई यह भारी गिरावट बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह गिरावट निवेशकों और खरीदारों के लिए अवसर प्रदान कर सकती है, लेकिन साथ ही यह बाजार में अस्थिरता का संकेत भी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह प्रवृत्ति जारी रहती है या फिर कीमतें स्थिर होती हैं। निवेशकों और खरीदारों को सावधानीपूर्वक निर्णय लेने और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।