ब्रेकिंग न्यूज़..! इस राज्य में अचानक स्कूल बंद, जानें कहाँ कब तक रहेगी छुट्टी Holiday News

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Holiday News: उत्तर प्रदेश में भारी बारिश, वज्रपात और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस परिस्थिति को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। पीलीभीत जिले में गुरुवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।

शाहजहांपुर में लंबी छुट्टी

शाहजहांपुर में स्थिति और भी गंभीर है। यहां 13 जुलाई तक आठवीं कक्षा तक के परिषदीय स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। डीएम ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी दिव्या गुप्ता ने बताया कि अब स्कूल 14 जुलाई को खुलेंगे।

अन्य राज्यों में भी स्कूल बंद

केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी मौसम की मार के कारण स्कूल बंद किए गए हैं:

  1. कश्मीर: शिक्षा विभाग ने कश्मीर डिवीजन के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 17 जुलाई तक छुट्टियां घोषित की हैं।
  2. कर्नाटक: दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जैसे तटीय इलाकों में भारी बारिश के कारण 12 जुलाई तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
  3. हिमाचल प्रदेश: यहां मानसून ब्रेक का एलान किया गया है। समर क्लोजिंग स्कूलों में 29 जुलाई तक छुट्टियां रहेंगी। कुल्लू जिले में 23 जुलाई से 14 अगस्त तक और विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 22 से 29 जुलाई तक मानसून की छुट्टियां होंगी।

जुलाई में अन्य छुट्टियां

जुलाई महीने में नियमित छुट्टियों के अलावा कुछ विशेष छुट्टियां भी हैं:
• हर रविवार (14, 21 और 28 जुलाई) को स्कूल बंद रहेंगे।
• दूसरे और चौथे शनिवार (13 और 27 जुलाई) को भी कई राज्यों में स्कूल बंद रहेंगे।
• 17 जुलाई को मुहर्रम के अवसर पर पूरे भारत में स्कूल बंद रहेंगे।

सुरक्षा पहले

स्कूलों को बंद करने का फैसला बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति में बच्चों का स्कूल जाना खतरनाक हो सकता है। इसलिए प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए यह कदम उठाया है।

शिक्षा पर प्रभाव

हालांकि स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा, लेकिन उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। कई स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चलाकर इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।

मौसम की मार से देश के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। स्कूलों को बंद करना एक आवश्यक कदम है, लेकिन इससे शिक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर नजर रखी जाएगी और उसी के अनुसार आगे के फैसले लिए जाएंगे। अभिभावकों और छात्रों को सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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